Khwab

चल आज फिर एकबार वो बरसों पुरानी खेल खेलते है। 

प्यार में हम दुनिया भूल लेते है। 

तू रूठे में मनाऊ, तू माने तो में सताऊ, 

बातों में तेरे यूं मुस्कुराऊ; 

बेवज़ह एक धुन आज गुनगुनाऊँ। 

आज तू फिर एक बार हाथ थाम ले, 

में एक और बार निहार लू तुझे। 

आज चल फिर इस दुनिया से दूर एक कहानी लिखते हैं। 

उस जगह की और उन लोगो की, 

जो हकीकत बनते बनते यूं ख्वाबो में खो गए।

~ Suranya

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